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||#संधि_में_बैठे_ग्रहो_के_फल|| जिस तरह से लग्न संधि में होता है उसी तरह से ग्रह भी संधि में आ जाते है जिनकी जांच गहराई से करने पर ही उनके सही फल निकल सकते है।। संधि में ग्रह कैसे होता है?? जब कोई भी ग्रह किसी राशि पर 0अंश 2अंश तक हो या 29 से 30 तक हो तब ऐसे ग्रह संधि में होते है मतलब दोनो भावों का प्रभाव लिए हुए होते है।अब ग्रह यदि 1अंश का है इसका अर्थ है ग्रह अभी पिछली राशि/भाव से निकलकर अगली राशि/भाव मे आया ही है और जब ग्रह 29या 30अंश पर होता है इसमें भी यदि 30अंश पर हो तब इसका अर्थ होता है ग्रह जिस राशि/भाव मे है उसे छोडकर अगले भाव/राशि मे जा रहा है हलाकि ऐसे ग्रह की चलित कुंडली मे भाव स्थिति से सही अंदाजा उसके भाव का लगाया जाता है लेकिन कभी कभी ऐसा होता है कि ग्रह 29 या 30अंश पर होने पर भी चलित कुंडली मे उसी भाव और राशि मे है जिसमे की लग्न कुंडली मे है।तब ऐसा ग्रह या ऐसे ग्रह संधि में होते है मतलब अपना प्रभाव दोनो भावो पर डालते है।ऐसे केस में 1 या 2अंश के ग्रह का फल उसी भाव राशि अनुसार होगा जिसमें वह ग्रह है क्योंकि 1 या 2अंश का ग्रह अपना पिछला भाव या राशि को छोड़ चुका है लेकिन जो ग्रह 29 या 30अंश का है और चलित में भी बिल्कुल लग्न कुंडली जैसी स्थिति में है वह जिस भाव मे है उसके भी और अगले भाव के भी फल देने चालू कर देगा मतलब मिले झूले फल देगा।जैसे कि;- शनि की साढ़ेसाती होती है शनि होता एक ही भाव राशि मे है लेकिन उसकी साढ़ेसाती का प्रभाव शनि से पिछले भाव/राशि पर भी राहत है और अगले भाव और राशि पर भी राहता है माना जातक की राशि धनु है तो शनि जब धनु राशि पर होगा तो धनु से पिछली राशि वृश्चिक पर भी साढ़ेसाती देगा और धनु से अगली राशि मकर पर भी साढ़ेसाती रहेगी और जिस जन्म राशि पर शनि है उस पर भी साढ़ेसाती धनु पर रहेगी तो शनि जहाँ बैठा है उससे आगे और पीछे भाव/राशि कर भी फल दे रहा है इस तरह से ही जो ग्रह भाव संधि में होते है वह मिलाझुला फल करते है उसमे भी जो ग्रह बहुत तेज गति से चलते है जैसे बुध चन्द्र इनका प्रभाव विशेष होता है और गुरु शनि राहु केतु यह धीमी गति से चलते है इस कारण भाव संधि में यह ग्रह होंगे तो इनका प्रभाव दोनो भावो पर आएगा। #जैसे;- जैसे कर्क लग्न कि कुंडली मे सूर्य दसवे भाव मेष राशि मे होगा जो कि सूर्य की उच्च राशि है यदि यहाँ सूर्य 29 या 30अंश का है तो सूर्य यहाँ भाव संधि में आ जायेगा मतलब सूर्य ग्यारहवे भाव पर भी अपना प्रभाव दिखा सकता है तो दसवा भाव नोकरी/कार्य छेत्र का है सूर्य सरकार का कारक है तो ऐसे में दसवे भाव मे उच्च सूर्य होने से यही दिख रहा है कि जातक की किसी अच्छे पद पर सरकारी नोकरी सूर्य के कारण लगेगी क्योंकि दसवे भाव मे सूर्य है लेकिन सूर्य भाव संधि में है 29 या 30अंश का होकर तो ऐसा सूर्य हो सकता है सरकारी नोकरी या सूर्य के कारण नोकरी न मिल सके क्योंकि सूर्य ग्यारहवे भाव के साथ भाव संधि में है और ग्यारहवे भाव मे 29 या 30अंश का होकर ग्यारहवे भाव मे जाने के लिए आतुर है तो ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रभाव दसवे भाव पर नाम मात्र को होगा जो कि कुछ खास असर नही देगा जबकि सूर्य बैठा दिख रहा है दसवे भाव मे ही।इसी तरह यही सूर्य की स्थिति बिल्कुल 9वे भाव मे बैठने पर होती और दसवे भाव को देखने पर पता चले कि सरकारी नोकरी योग नही है लेकिन जातक को मिल जाये तो यह सूर्य के नवे भाव मे 29 या 30अंश पर बैठने से सूर्य 10वे भाव के साथ भाव संधि में आ गया है जिस कारण उसने अपना प्रभाव दसवे भाव पर दिखाया।यह स्थिति बिल्कुल ऐसे ही है जैसे शाम को आफिस की छुट्टी के समय व्यक्ति घर जाने के लिए सोचता और यह सोचने लगता है क्या कुछ घर का या घर या घर के सदस्यों के लिए लेकर तो नही जाना।जबकि जातक अभी है ऑफिस में ही।ऐसी स्थिति में एक से ज्यादा ग्रह भी भाव संधि में हो जाते है तो जो भी ग्रह भाव संधि में होगा उसका फल सटीक उस ग्रह के फल जातक को किस तरह प्रभावित कर रहे है उसी के अनुसार होंगे।भाव संधि वाले ग्रहो के रत्न पहनते समय बहुत ध्यान रखा जाता है या रखना चाहिए क्योंकि हो सकता है आपको ग्रह लग्न(प्रथम)भाव मे बैठा दिख रहा है और यही ग्रह 12वे भाव के साथ भाव संधि में है तो ऐसे ग्रह के रत्न 12वे घर के फलो पर अपना प्रभाव डालेंगे जो कि शुभ नही क्योंकि 12वा भाव खर्चे का है।इसी तरह कोई ग्रह 12वे भाव मे है और कुंडली के लिए ऐसा ग्रह योगकारक/कारक या शुभ होकर शुभ फल देने वाला है लेकिन 12वे भाव मे होकर लग्न भाव के साथ संधि में हो तब ऐसे ग्रह के 12वे भाव मे बैठने पर भी उसका रत्न पहनना शुभ हो सकता है यदि चलित कुंडली मे भी ऐसा ग्रह लग्न(प्रथम) भाव मे आ गया हो तो यह सबसे बढ़िया फल देने की स्थिति होगी तो भाव संधि में बैठे ग्रहो के फल की सटीक भविष्यवाणी उनके भाव संधि किस तरह से है पर निर्भर करते है इसी तरह कोई लग्न भाव संधि में हो तो उस लग्न कुंडली के फलो की जांच बारीकी से करने पर उसके सही फलो का पता चलता है।
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