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Showing posts from January, 2020

#जमीन_जायदाद_या_मकान_बनेगा_या_नही #और_कब?●● प्रॉपर्टी बनाना या अपने मकान की इच्छा हर इंसान की होती है।आज इसी विषय पर बात करेंगे मकान या जमीन जायदाद बनेगा या नही और बनेगा तो कब? जन्मकुण्डली का चौथा भाव और इसका स्वामी और प्रॉपर्टी, जमीन जायदाद का कारक मंगल इन सबसे जमीन जायदाद और मकान का विचार किया जाता है।जब चौथे भाव का स्वामी और चोथा भाव बलवान होकर शुभ ग्रहों या केंद्र त्रिकोण भाव स्वामियों के सब संबंध बनाता है साथ ही साथ मंगल का प्रभाव चौथे भाव या इस भाव के स्वामी पर पड़ता है तब ऐसे जातक अच्छा मकान सुख और प्रॉपर्टी सुख भोगते है।मकान सुख योग होने के साथ चौथे भाव के स्वामी का संबंध ग्यारहवे भाव और इस भाव के स्वामी से होना बड़े मकान या बड़ी प्रॉपर्टी म सुख देता है क्योंकि ग्यारहवा भाव लाभ और उन्नति का है इस कारण जिन भी जातको की कुंडली मे ग्यारहवे भाव से चौथे भाव/भावेश का संबंध अपने मकान का सुख भी देता है और आय के रास्ते भी ऐसे जातको के प्रॉपर्टी के द्वारा खुले होते है।शुभ चौथे भाव अब कुछ उदाहरणों से मकान या प्रॉपर्टी सुख को समझे:- #उदाहरण:- वृष लग्न में चतुर्थेश सूर्य होता है।अब सूर्य यहाँ पंचमेश बुध और सप्तमेश मंगल के साथ किसी भी केंद्र 1,4,7,10 या किसी भी त्रिकोण 5,9 में बैठा हो तब ऐसे जातक को अपने मकान का, जमीन-जायदाद का सुख मिलेगा और बनेगी भी, साथ ही इस ग्रह योग में ग्यारहवे भाव या इसके स्वामी का भी संबंध बन जाता है जो कि गुरु ग्रह छवि तब बहुत बड़ी मात्रा में मकान का अच्छा या ज्यादा मात्रा में जमीन -जायदाद का स्वामी ऐसा जातक बनता है।#जितने शुभ स्थिति में चतुर्थेश या मंगल सहित चोथे भाव मे ग्रह होंगे उतना ही जमीन जायदाद या मकान बनाने का सुख अच्छा बनता है। चोथे भाव या इसके स्वामी पर शुक्र बुध गुरु सूर्य मंगल का प्रभाव अच्छे स्तर के आलीशान मकान का सुख देता है।यहाँ शुक्र गुरु मंगल का चोथे भाव मे या चोथे भाव के स्वामी के साथ केंद्र त्रिकोण भाव मे बैठना मकान और प्रॉपर्टी सुख देने की और बनाने की खूब वृद्धि करता क्योंकि यह घर खुद मकान, प्रॉपर्टी का है।शनि राहु केतु चोथे भाव पर पुराने मकान या देर से जमीन जायदाद या मकान का सुख देता है,क्योंकि यह ग्रह देर से किसी भी सुख को देने वाले है इस स्थिति में यह ग्रह शुभ होने चाहिए। चोथे भाव या भावेश जा 6 भाव या भावेश से संबंध किराए मकान सुखबय कर्जा लेकर मकान को बनवाता है, चोथे भाव या भावेश का 8वे भाव से संबंध विवादित मकान या बहुत परेशानी के बाद मकान सुख मिलता है वह भी मकान सुख योग होने पर, चोथे भाव या भावेश का 12वे भाव या भावेश से 6,8,12भाव मे संबंध लम्बे समय के बाद मकान का सुख दे सकता है वह भी तब जब मकान सुख योग कुंडली के अंदर हो।। इसके अतिरिक्त जितने ज्यादा शुभ योग दसवे और चोथे भाव मे होंगे चतुर्थेश और मंगल बलवान और शुभ होकर शुभ योगो का चोथे भाव से संबंध निश्चित ही मकान की इच्छा को पूर्ण करता है।। #नोट:- चोथे भाव मे बैठे शुभ और बलवान ग्रह की दशा या चोथे भाव या भावेश की दशा या इस भाव स्वामी से सम्बंधित ग्रह की दशा में मकान/प्रॉपर्टी बनती या खरीदी जाती है।अशुभ यिग होने पर इंसान गलत मकान या प्रॉपर्टी खरीदकर नुकसान में भी जाता है इस कारण शुभ योग और शुभ दशा मकान की होने पर ही मकान या जमीन आदि खरीदने से वह सुख देती है।

|#शेयर_बाजार_काम_मे_सफलता_और_कैरियर| शेयर बाजार एक बड़ा और व्यापारिक छेत्र है।इस छेत्र में आर्थिक सफलता, रोजगार में सफलताए या शेयर की खरीदारी और बिक्री से धनः लाभ कमाना यह सब कुंडली मे इस छेत्र में सफलता के योग होने पर ही सम्भव होता है।अब बात करते है कैसे इस छेत्र में सफलता मिलती है? कुंडली का 5वा भाव और इस भाव का स्वामी साथ ही ग्यारहवा भाव जो कि लाभ का है शेयर बाजार में सफलता को निश्चित करता है, पंचमेश सहित ग्यारहवे भाव से ग्रहो में राजयोग बनने पर शेयर की खरीदारी और बिक्री करने पर जातक लाभ कमाता है।धन लाभ कमाने के लिए यदि दूसरे भाव का स्वामी जो कि धन का भाव है वह भी इसी 5वे और 11वे भाव के संबंध के बीच संबंध बना लेता है तब अपार इस छेत्र में आर्थिक सफलता मिलती है।पंचमेश, ग्यारहवे भाव के स्वामी साथ ही दूसरे भाव जो कि धनः का भाव है इनके स्वामी अशुभ हो तब योग होने पर भी नुकसान होगा या दूसरे/ग्यारहवे भाव के स्वामी 6,8,12वे भाव मे होंगे या अशुभ योग में होंगे तब भी नुकसान होगा।। #शेयर_बाजार में लाभ कब होगा? जब दूसरे ग्यारहवे भाव के स्वामी पंचमेश या नवमेश के साथ 5वे, 9वे या 11वे भाव मे बेठ जाते है तब आर्थिक लाभ ही ऐसे जातको इस छेत्र में होता है यदि दशमेश भी इस योग में शामिल हो जाता है तब शेयर बाजार में ऐसे जातक नोकरी भी करते है और शेयर की खरीदारी-बिक्री करके लाभ कमाते है।शेयर बाजार पूरी तरह आर्थिक लाभ देने वाला छेत्र है यदि जातक की कुंडली मे आर्थिक उन्नति योग शेयर बाजार में होने पर इस छेत्र में आर्थिक सफलता मिलती है।। यदि लग्न कुंडली मे शेयर बाजार में सफलता के योग न हो यकीन नवमांश कुंडली मे योग है और जो ग्रह नवमांश कुंडली मे योग बना रहे है तब उन्ही ग्रहो की महादशाएं-अन्तरदशाये चल रही हो तब भी अपार आर्थिक लाभ इस छेत्र से जातक को होगा।कुछ उदाहरण कुंडलियो से समझते है:- #उदाहरण1:- सिंह लग्न की कुंडली मे दूसरे भाव स्वामी(धनेश) और ग्यारहवें भाव स्वामी(लाभेश) बुध बनता है साथ ही पंचमेश गुरु होता है अब केवल यहाँ बुध गुरु का 5वे ग्यारहवे भाव मे संबंध साथ ही मंगल जो इस कुंडली का योगकारक होकर सफलता देने वाला ग्रह है वह भी बुध और गुरु के साथ संबंध बनाकर बेठा हो, जैसे गुरु बुध मंगल 5वे भाव मे ही हो तब ऐसा जातक शेयर बाजार के काम मे दिन दुगनी रात चौगनी जैसे आर्थिक तरक्की करेगा।। #उदाहरण2:- धनु लग्न इसमे पंचमेश मंगल होता है और धनेश शनि साथ लाभेश शुक्र बनता है यहाँ इन तीनो ग्रहो का संबंध ग्यारहवे, पाचवे या दूसरे भाव मे बने साथ ही बुध बलवान हो तब शेयर बाजार में आर्थिक लाभ, आर्थिक सफलताए बनी रहेगी।। #उदाहरण3:- कुम्भ लग्न में गुरु धनेश और लाभेश होता है बुध पंचमेश होता है ऐसी स्थिति में अब गुरु बुध का संबंध सूर्य सहित क्योंकि सूर्य यहाँ सप्तम भाव स्वामी होने से व्यापार का स्वामी होता है तब सूर्य गुरु बुध का संबंध 5वे,11वे, दूसरे या 7वे भाव मे होने पर शेयर बाजार में काफी उन्नति ऐसा व्यक्ति करेगा।। शेयर बाजार में उच्च सफलता के लिए यह योग बनाकर ग्रह धन, सफलता स्थान जैसे दूसरे 5वे, 11वे भाव मे होते है तब प्रबल सफलता और अन्य किसी केंद्र त्रिकोण में होंगे तब सामान्य तरह से आर्थिक लाभ कराते है।सूर्य बुध राहु गुरु और पंचमेश(पंचम भाव स्वामी),एकादशेश,(ग्यारहवे भाव स्वामी) और धनेश(दूसरे भाव का स्वामी) यह सब जितने ज्यादा से ज्यादा शुभ और बलवान स्थिति में होंगे उतना ही इस छेत्र में हर तरह से सफलता मिलती है,दशमेश भी यहाँ शामिल हो जाये तब कैरियर भी स्थाई रूप से यहाँ बन जाता है।। #नोट:- शेयर बाजार योग होने पर ग्यारहवा भाव जितना ज्यादा बलवान होगा आर्थिक लाभ उतनी ही ज्यादा मात्रा में होकर उन्नति होती रहती है।