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#जमीन_जायदाद_या_मकान_बनेगा_या_नही #और_कब?●● प्रॉपर्टी बनाना या अपने मकान की इच्छा हर इंसान की होती है।आज इसी विषय पर बात करेंगे मकान या जमीन जायदाद बनेगा या नही और बनेगा तो कब? जन्मकुण्डली का चौथा भाव और इसका स्वामी और प्रॉपर्टी, जमीन जायदाद का कारक मंगल इन सबसे जमीन जायदाद और मकान का विचार किया जाता है।जब चौथे भाव का स्वामी और चोथा भाव बलवान होकर शुभ ग्रहों या केंद्र त्रिकोण भाव स्वामियों के सब संबंध बनाता है साथ ही साथ मंगल का प्रभाव चौथे भाव या इस भाव के स्वामी पर पड़ता है तब ऐसे जातक अच्छा मकान सुख और प्रॉपर्टी सुख भोगते है।मकान सुख योग होने के साथ चौथे भाव के स्वामी का संबंध ग्यारहवे भाव और इस भाव के स्वामी से होना बड़े मकान या बड़ी प्रॉपर्टी म सुख देता है क्योंकि ग्यारहवा भाव लाभ और उन्नति का है इस कारण जिन भी जातको की कुंडली मे ग्यारहवे भाव से चौथे भाव/भावेश का संबंध अपने मकान का सुख भी देता है और आय के रास्ते भी ऐसे जातको के प्रॉपर्टी के द्वारा खुले होते है।शुभ चौथे भाव अब कुछ उदाहरणों से मकान या प्रॉपर्टी सुख को समझे:- #उदाहरण:- वृष लग्न में चतुर्थेश सूर्य होता है।अब सूर्य यहाँ पंचमेश बुध और सप्तमेश मंगल के साथ किसी भी केंद्र 1,4,7,10 या किसी भी त्रिकोण 5,9 में बैठा हो तब ऐसे जातक को अपने मकान का, जमीन-जायदाद का सुख मिलेगा और बनेगी भी, साथ ही इस ग्रह योग में ग्यारहवे भाव या इसके स्वामी का भी संबंध बन जाता है जो कि गुरु ग्रह छवि तब बहुत बड़ी मात्रा में मकान का अच्छा या ज्यादा मात्रा में जमीन -जायदाद का स्वामी ऐसा जातक बनता है।#जितने शुभ स्थिति में चतुर्थेश या मंगल सहित चोथे भाव मे ग्रह होंगे उतना ही जमीन जायदाद या मकान बनाने का सुख अच्छा बनता है। चोथे भाव या इसके स्वामी पर शुक्र बुध गुरु सूर्य मंगल का प्रभाव अच्छे स्तर के आलीशान मकान का सुख देता है।यहाँ शुक्र गुरु मंगल का चोथे भाव मे या चोथे भाव के स्वामी के साथ केंद्र त्रिकोण भाव मे बैठना मकान और प्रॉपर्टी सुख देने की और बनाने की खूब वृद्धि करता क्योंकि यह घर खुद मकान, प्रॉपर्टी का है।शनि राहु केतु चोथे भाव पर पुराने मकान या देर से जमीन जायदाद या मकान का सुख देता है,क्योंकि यह ग्रह देर से किसी भी सुख को देने वाले है इस स्थिति में यह ग्रह शुभ होने चाहिए। चोथे भाव या भावेश जा 6 भाव या भावेश से संबंध किराए मकान सुखबय कर्जा लेकर मकान को बनवाता है, चोथे भाव या भावेश का 8वे भाव से संबंध विवादित मकान या बहुत परेशानी के बाद मकान सुख मिलता है वह भी मकान सुख योग होने पर, चोथे भाव या भावेश का 12वे भाव या भावेश से 6,8,12भाव मे संबंध लम्बे समय के बाद मकान का सुख दे सकता है वह भी तब जब मकान सुख योग कुंडली के अंदर हो।। इसके अतिरिक्त जितने ज्यादा शुभ योग दसवे और चोथे भाव मे होंगे चतुर्थेश और मंगल बलवान और शुभ होकर शुभ योगो का चोथे भाव से संबंध निश्चित ही मकान की इच्छा को पूर्ण करता है।। #नोट:- चोथे भाव मे बैठे शुभ और बलवान ग्रह की दशा या चोथे भाव या भावेश की दशा या इस भाव स्वामी से सम्बंधित ग्रह की दशा में मकान/प्रॉपर्टी बनती या खरीदी जाती है।अशुभ यिग होने पर इंसान गलत मकान या प्रॉपर्टी खरीदकर नुकसान में भी जाता है इस कारण शुभ योग और शुभ दशा मकान की होने पर ही मकान या जमीन आदि खरीदने से वह सुख देती है।
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